ईशà¥à¤µà¤°-वेद-दयाननà¥à¤¦ à¤à¤•à¥à¤¤ तपसà¥à¤µà¥€ व तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी आचारà¥à¤¯ बलदेव जी महाराज
Author
Manmohan Kumar AryaDate
28-Jan-2016Category
शंका समाधानLanguage
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UmeshUpload Date
28-Jan-2016Download PDF
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वेद-वेदांग, वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤, करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤—ी, तपसà¥à¤µà¥€, वयोवृदà¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, आदरà¥à¤¶ चरितà¥à¤° के धनी, नैषà¥à¤ िक बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी अब नहीं रहे। आज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 28 जनवरी, 2015 को लगà¤à¤— 85 वरà¥à¤· की आयॠमें उनका निधन हो गया। महातà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी ने अपने जीवन में विदà¥à¤¯à¥à¤¤ विà¤à¤¾à¤— की अचà¥à¤›à¥€ खासी नौकरी छोड़कर यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ की आरà¥à¤· पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को अपने जीवन का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ बनाया था और इसमें कृतकारà¥à¤¯ तो हà¥à¤ ही अपितॠà¤à¤• दीपक की à¤à¤¾à¤‚ति अपनी विदà¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ से अनेक पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जीवन निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वेदों के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ से आलोकित किया था। आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² कालवां-हरियाणा की आपने सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी जो आपका सचà¥à¤šà¤¾ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं अपितॠविशà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हसà¥à¤¤à¥€ योगाचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव जी को आपके शिषà¥à¤¯ होने का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ व गौरव पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। आदरà¥à¤¶ जीवन व चरितà¥à¤° के धनी आचारà¥à¤¯ बलदेव जी का जीवन देश की यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी के लिठआदरà¥à¤¶ है। जीवन की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ शरीर को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥, निरोगी और दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ बनाने सहित विदà¥à¤¯à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ व वेद-वेदांग का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर व उसका पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर जीवन को सफल बनाने में है। इसी पथ पर आचारà¥à¤¯ बलदेव जी चले थे और यही जीवन शैली मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन की सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का आधार व साधन रही है व आज à¤à¥€ है।
सà¤à¥€ मानवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से पूरà¥à¤£ व आदरà¥à¤¶ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी का जनà¥à¤® हरियाणा राजà¥à¤¯ के सोनीपत जिले के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त सरगथल गांव में लगà¤à¤— 85 वरà¥à¤· पहले (सनॠ1930 में) à¤à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• माता-पिता के यहां हà¥à¤† था। आपकी अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ में माता जी का देहानà¥à¤¤ हो जाने पर पिता ने दूसरा विवाह किया। आपकी दूसरी माता जी का à¤à¥€ आपके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® व सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ था। गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ वातावरण के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आपने बी.à¤. तक की शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। इसके बाद विदà¥à¤¯à¥à¤¤ विà¤à¤¾à¤— में आपकी नौकरी लग गई। आपका कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤œà¥à¤œà¤° में था अतः जब à¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² à¤à¤œà¥à¤œà¤° में विदà¥à¤¯à¥à¤¤ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ कोई समसà¥à¤¯à¤¾ आती थी तो आप वहां पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ आया जाया करते थे। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के शिरोमणी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी आचारà¥à¤¯ हà¥à¤† करते थे। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पढ़ते देखकर बलदेव जी में à¤à¥€ इसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अनà¥à¤°à¤¾à¤— उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो गया। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ सहित सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आदि पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ लेकर आपने इनका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ जी के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ आप पर होता था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ जी ने à¤à¥€ आजीवन बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¤ का पालन किया और अनेक गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी जिनमें गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² à¤à¤œà¥à¤œà¤° सहित कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² नरेला à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं। बलदेवजी कई बार रातà¥à¤°à¤¿ में à¤à¥€ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में ही निवास करते थे। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आपका पà¥à¤°à¥‡à¤® इस सीमा तक बढ़ा कि आपने नौकरी से तà¥à¤¯à¤¾à¤— पतà¥à¤° दे दिया और पूरà¥à¤£à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤• बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ वा विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ बन गये। पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उनके परिवार को उनका नौकरी छोड़ना और घर न आना पसनà¥à¤¦ नहीं था और वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घर ले जाना चाहते थे। इन विघà¥à¤¨à¥‹ को देखते हà¥à¤ आपने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ जी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ देवसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² सिरसागंज के लिठअधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया और वहां संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के आचारà¥à¤¯ पंणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ शंकरदेव जी से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में कोई विघà¥à¤¨ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ न हो इसलिठआपने इस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ की जानकारी अपने परिवार को नहीं दी। इसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ केवल सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी को ही था। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² सिरसागंज में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के दिनों में आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ और नेता सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ जी आपके साथी व मितà¥à¤° हà¥à¤† करते थे। दोनों ने à¤à¤• ही गà¥à¤°à¥ से शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी। आचारà¥à¤¯ बलदेव और सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶, इन दोनों बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, ने माता-पिता की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ मिलने की आशा न होने के कारण घर से à¤à¤¾à¤—कर गà¥à¤°à¥à¤•à¤² में शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी।
महातà¥à¤®à¤¾ बलदेव जी नैषà¥à¤ िक बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ थे। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ आरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ आपको मृतà¥à¤¯à¥ के समय तक कणà¥à¤ था। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के आप विलकà¥à¤·à¤£ आचारà¥à¤¯ थे। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ आशà¥à¤°à¤®, मेरठà¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² है जहां के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने खेलकूद में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ व अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ अनेक पà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर देश और गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² को गौरवानà¥à¤µà¤¿à¤¤ किया है। इस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने आचारà¥à¤¯ बलदेव जी से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया है। जिन दिनों आप गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² à¤à¤œà¥à¤œà¤° में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ जी आदि विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पढ़ते थे तो संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से सनà¥à¤¤à¥à¤·à¥à¤Ÿà¥€ न होने के कारण आपने गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² छोड़ने का निशà¥à¤šà¤¯ कर लिया था। आचारà¥à¤¯ बलदेव जी को इस बात का पता लगने पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विवेकाननà¥à¤¦ जी से बात की तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि वह अपने गà¥à¤°à¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से सनà¥à¤¤à¥à¤·à¥à¤Ÿ नहीं हैं। इस पर महातà¥à¤®à¤¾ बलदेव जी ने कहा कि कल से मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पढ़ाऊंगा। मैं चार बजे या इससे पहले सोकर उठजाता हूं। यदि तà¥à¤® मà¥à¤à¤¸à¥‡ पहले उठजाओ तो मà¥à¤à¥‡ जगा देना अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ जगाऊंगा। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ चार बजे से पहले ही आचारà¥à¤¯ बलदेव जी शिषà¥à¤¯ विवेकाननà¥à¤¦ जी को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ पढ़ाने लगे। यह कà¥à¤°à¤® चार से पांच वरà¥à¤·à¥‹ तक चला। इससे न केवल विवेकाननà¥à¤¦ जी को पूरà¥à¤£ सनà¥à¤¤à¥‹à¤· हà¥à¤† अपितॠउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में पूरà¥à¤£ अधिकार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया और गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ आशà¥à¤°à¤®, मेरठका संचालन कर वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सहित आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के गौरव को à¤à¥€ देश देशानतर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया। देश à¤à¤° में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर 8 गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ का संचालन कर रहे आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी के ही शिषà¥à¤¯ हैं। आपने बताया है कि आचारà¥à¤¯à¤œà¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ थे। मृतà¥à¤¯à¥à¤ªà¤°à¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आपको वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ कणà¥à¤ सà¥à¤¥ रहा। इस लेख की समसà¥à¤¤ सामगà¥à¤°à¥€ का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ व उनके सà¥à¤¯à¥‹à¤—à¥à¤¯ शिषà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ डा. धनंजय जी को है जिसे हमने दूरà¤à¤¾à¤· पर उनसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है।
आचारà¥à¤¯ बलदेव जी ने सनॠ1971 में हरियाणा के कालवां सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤• गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी। इस गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में उपनिषद, दरà¥à¤¶à¤¨ व वेद आदि की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के आरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ सहित पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कराया जाता रहा है। आज के विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ योग पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• और पतंजलि योग पीठके संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव जी आपके ही गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में आपसे सनॠ1980 से 1990 के मधà¥à¤¯ पढ़े थे। आपके अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ डा. देववà¥à¤°à¤¤ जी, आचारà¥à¤¯ डा. रघà¥à¤µà¥€à¤° वेदालंकार, आचारà¥à¤¯ डा. यजà¥à¤žà¤µà¥€à¤° जी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¤à¤¿ जी, आचारà¥à¤¯ अखिलेशà¥à¤µà¤° जी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, आचारà¥à¤¯ विजयपाल जी व सà¥à¤µà¤¯à¤‚ आचारà¥à¤¯ हरिदेव जी (सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी) आदि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शिषà¥à¤¯ हैं। अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ का आपका पà¥à¤°à¤¿à¤¯ विषय संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ ही था। आपके पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤°à¥à¤“ं में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमाननà¥à¤¦ जी सहित पंणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ शंकरदेव जी, पं. राजवीर शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व डा. महावीर मीमांसक जी आदि समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं।
आज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी के निधन से आरà¥à¤¯à¤œà¤—त में सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° शोक की लहर छा गई है। आपकी अनà¥à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कल 29 जनवरी, 2016 को दिन के 12.00 बजे दयाननà¥à¤¦ मठरोहतक में होगी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, आचारà¥à¤¯ धनंजय आरà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौधा, शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार, शà¥à¤°à¥€ वाचोनिधि आरà¥à¤¯, डा. विवेक आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€ ऋषिदेव आरà¥à¤¯ सहित शà¥à¤°à¥€ मिथलेश आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€ अजायब सिंह, शà¥à¤°à¥€ विकास अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯, देवेनà¥à¤¦à¥à¤° सचदेव, शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° मिरजापà¥à¤°, शà¥à¤°à¥€ रवीनà¥à¤¦à¥à¤° पाहà¥à¤šà¤¾, शà¥à¤°à¥€ सौरठचैधरी आदि अनेक लोगों ने आचारà¥à¤¯ बलदेव जी को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤, वेदà¤à¤•à¥à¤¤, दयाननà¥à¤¦-आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ à¤à¤•à¥à¤¤, सचà¥à¤šà¤¾ धरà¥à¤®-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, आदरà¥à¤¶ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾ का निषà¥à¤ ावान पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•, करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤—ी, तपसà¥à¤µà¥€ व धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का उनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤• बताया है। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के साथ इस लेख को विराम देते हà¥à¤ हम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बलदेव जी को अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हैं।
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